History Class 9 Chapter 5: जर्मनी में नाजीवाद का उदय | Bihar Board Notes

परिचय

History Class 9 Chapter 5 ‘जर्मनी में नाजीवाद का उदय’ बिहार बोर्ड के इतिहास पाठ्यक्रम का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय है। यह अध्याय बताता है कि किस प्रकार प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अस्थिरता ने नाजी पार्टी और हिटलर को सत्ता में आने का अवसर दिया। इस अध्याय के माध्यम से हम यह भी समझते हैं कि तानाशाही और कट्टर विचारधारा का समाज और मानवता पर क्या प्रभाव पड़ता है।

प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम

1914 से 1918 तक चला प्रथम विश्व युद्ध जर्मनी की हार के साथ समाप्त हुआ। युद्ध के बाद 1919 में वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर हुए, जिसके अंतर्गत जर्मनी को भारी आर्थिक दंड दिए गए, उसकी सेनाओं की शक्ति सीमित कर दी गई और उसे क्षेत्रीय हानि भी उठानी पड़ी। इस संधि ने जर्मन जनता को अपमानित और असुरक्षित महसूस कराया। देश में आर्थिक संकट, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता फैल गई।

वाइमर गणराज्य की स्थापना

वर्साय संधि के बाद जर्मनी में एक लोकतांत्रिक सरकार स्थापित हुई जिसे वाइमर गणराज्य कहा गया। यह शासन आरंभ से ही आर्थिक मंदी, महंगाई और बेरोजगारी से जूझता रहा। जर्मन जनता ने इस शासन को कमजोर और असफल माना। इससे निराश होकर लोग कट्टरपंथी विचारधाराओं की ओर आकर्षित होने लगे, जिससे नाजी पार्टी को पनपने का अवसर मिला।

टिप्पणी: “वाइमर गणराज्य” को कुछ पुस्तकों में “वीमार गणराज्य” भी कहा गया है, लेकिन जर्मन उच्चारण के अनुसार ‘वाइमर’ अधिक उपयुक्त है।

नाजी पार्टी का उदय

1919 में एडोल्फ हिटलर ने जर्मन वर्कर्स पार्टी से जुड़कर उसका नाम बदलकर नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (नाजी पार्टी) रख दिया। नाजी विचारधारा में आर्य जाति को श्रेष्ठ माना गया, यहूदियों को जर्मनी की समस्याओं के लिए दोषी ठहराया गया और एक शक्तिशाली तानाशाही शासन की वकालत की गई। नाजी पार्टी ने राष्ट्रवाद, सैन्यवाद और यहूदी विरोध जैसे मुद्दों को प्रचारित कर जनता का समर्थन प्राप्त किया।

हिटलर का सत्ता में आना

1933 में आर्थिक और राजनीतिक संकट का लाभ उठाते हुए हिटलर को जर्मनी का चांसलर बनाया गया। सत्ता में आते ही उसने लोकतंत्र को समाप्त कर एकदलीय तानाशाही शासन स्थापित कर दिया। संसद भवन (राइखस्टैग) में आग लगने की घटना को बहाना बनाकर आपातकाल लागू किया गया और सभी विपक्षी दलों को प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके बाद हिटलर ने प्रेस, शिक्षा, न्यायपालिका और प्रशासन पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया।

नाजी शासन की नीतियाँ

नाजी शासन के दौरान यहूदियों के खिलाफ कठोर और अमानवीय नीतियाँ अपनाई गईं। यहूदियों को नागरिक अधिकारों से वंचित किया गया, उनकी संपत्ति जब्त की गई और उन्हें सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से अलग-थलग कर दिया गया। शिक्षा व्यवस्था में नाजी विचारधारा को अनिवार्य कर दिया गया। महिलाओं को केवल संतान उत्पत्ति और घरेलू कार्यों तक सीमित कर दिया गया। प्रचार मंत्री जोसेफ गोएबेल्स के नेतृत्व में मीडिया और संचार माध्यमों को नियंत्रित कर नाजी विचारधारा का प्रचार किया गया।

द्वितीय विश्व युद्ध की ओर बढ़ता जर्मनी

हिटलर ने 1938 में ऑस्ट्रिया और 1939 में चेकोस्लोवाकिया पर कब्जा कर लिया। इसके बाद पोलैंड पर हमला किया गया, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई। हिटलर की विस्तारवादी नीतियों ने यूरोप को युद्ध की आग में झोंक दिया। जर्मनी ने फ्रांस, नीदरलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क जैसे कई देशों पर आक्रमण किया और व्यापक तबाही मचाई।

नाजी अत्याचार और यहूदी नरसंहार

नाजी शासन के दौरान यहूदियों के खिलाफ व्यवस्थित नरसंहार किया गया जिसे होलोकॉस्ट कहा जाता है। लाखों यहूदियों को यातना शिविरों (कंसन्ट्रेशन कैंप्स) में भेजा गया, जहां उन्हें अमानवीय तरीके से मारा गया। यह मानवता के इतिहास का सबसे काला अध्याय माना जाता है। युद्ध के बाद नूरेम्बर्ग ट्रायल के अंतर्गत नाजी अधिकारियों को उनके अपराधों के लिए सजा दी गई।

निष्कर्ष

History Class 9 Chapter 5 यह सिखाता है कि जब किसी समाज में असंतोष, गरीबी, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ जाती है, तब तानाशाही और कट्टरपंथ को पनपने का अवसर मिलता है। यह अध्याय हमें लोकतंत्र, मानवाधिकार और सहिष्णुता के महत्व को समझने में मदद करता है। हिटलर और नाजी शासन के अनुभवों से विश्व ने सीखा कि विभाजनकारी विचारधाराएं मानव सभ्यता को विनाश की ओर ले जाती हैं।

महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Bihar Board के लिए उपयोगी)

गर आप Bihar Board से हैं और “History Class 9 Chapter 5” के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं, तो ये सेक्शन आपके लिए बहुत उपयोगी है। ये सभी प्रश्न पाठ्यपुस्तक पर आधारित हैं और परीक्षा के लिए अत्यंत लाभदायक हैं।

प्रश्न 1: वर्साय संधि के क्या प्रभाव पड़े?
उत्तर: वर्साय संधि ने जर्मनी को अपमानित किया, उस पर भारी आर्थिक दंड लगाए गए और उसकी सैन्य शक्ति को सीमित कर दिया गया। इससे जर्मनी में असंतोष और राष्ट्रवाद की भावना बढ़ी।

प्रश्न 2: वाइमर गणराज्य की विफलता के क्या कारण थे?
उत्तर: वाइमर गणराज्य आर्थिक संकट, बेरोजगारी, राजनीतिक अस्थिरता और जनता के असंतोष से जूझ रहा था। इसके कमजोर नेतृत्व के कारण जनता ने उसे असफल माना और नाजी पार्टी की ओर आकर्षित हुई।

प्रश्न 3: नाजी पार्टी की मुख्य विचारधारा क्या थी?
उत्तर: नाजी पार्टी आर्य जाति को श्रेष्ठ मानती थी, यहूदियों को समाज की बुराइयों के लिए दोषी ठहराती थी, और एक सशक्त तानाशाही शासन की समर्थक थी।

प्रश्न 4: हिटलर को सत्ता में आने में कौन से कारक मददगार रहे?
उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध की हार, वर्साय संधि, आर्थिक संकट, बेरोजगारी और वाइमर गणराज्य की विफलता जैसे कारणों ने हिटलर को सत्ता में आने में सहायता की।

प्रश्न 5: हिटलर ने सत्ता में आते ही क्या कदम उठाए?
उत्तर: हिटलर ने संसद को भंग कर आपातकाल लागू किया, सभी विपक्षी दलों पर प्रतिबंध लगाया, प्रेस और न्यायपालिका पर नियंत्रण स्थापित किया तथा एकदलीय तानाशाही शासन स्थापित किया।

प्रश्न 6: यहूदियों के प्रति नाजी नीति क्या थी?
उत्तर: नाजियों ने यहूदियों को नीच जाति माना। उन्हें नागरिक अधिकारों से वंचित किया, शिक्षा और रोजगार से बाहर किया और अंततः लाखों यहूदियों का नरसंहार किया गया।

प्रश्न 7: होलोकॉस्ट क्या था?
उत्तर: होलोकॉस्ट वह नरसंहार था जिसमें नाजी शासन ने लाखों यहूदियों को यातना शिविरों में डालकर अमानवीय रूप से मार डाला। यह इतिहास का सबसे भीषण मानवाधिकार हनन था।

प्रश्न 8: नाजी शासन में शिक्षा प्रणाली में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर: शिक्षा में नाजी विचारधारा को शामिल किया गया। पाठ्यक्रम में राष्ट्रवाद, युद्ध-प्रशिक्षण और यहूदी विरोधी भावनाओं को प्रमुखता दी गई। शिक्षकों को भी नाजी समर्थक होना आवश्यक था।

प्रश्न 9: द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: हिटलर ने जर्मनी के विस्तार के लिए 1939 में पोलैंड पर हमला किया, जिससे ब्रिटेन और फ्रांस ने युद्ध की घोषणा कर दी। इसी से द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई।

प्रश्न 10: नूरेम्बर्ग ट्रायल क्या था?
उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में नाजी नेताओं पर मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मुकदमा चलाया गया जिसे नूरेम्बर्ग ट्रायल कहा गया।

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इस लेख में आपने History Class 9 Chapter 5: जर्मनी में नाजीवाद का उदय से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं, घटनाओं और प्रश्न-उत्तरों को विस्तारपूर्वक जाना। यह अध्याय केवल इतिहास की एक कहानी नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर चेतावनी है कि जब समाज में असंतोष, बेरोजगारी और कट्टरता हावी हो जाती है, तो तानाशाही और मानवाधिकारों का हनन संभव हो जाता है।

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