History Class 9 Chapter 2: भारतीय उपमहाद्वीप में महाजनपदों का उदय | Bihar Board Notes

History Class 9 Chapter 2 “भारतीय उपमहाद्वीप में महाजनपदों का उदय” भारत के प्राचीन इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस अध्याय में वैदिक काल के बाद उभरे हुए 16 महाजनपदों की राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितियों को विस्तारपूर्वक समझाया गया है। बिहार बोर्ड की पाठ्यपुस्तक में विशेष रूप से मगध, वज्जि, और अंग जैसे महाजनपदों का उल्लेख मिलता है। यह अध्याय छात्रों को भारत में प्रारंभिक राज्य व्यवस्था, गणराज्य और राजतंत्र की प्रकृति, नगर जीवन तथा धार्मिक आंदोलनों की गहराई से जानकारी प्रदान करता है।

जन से महाजनपद की ओर

  • वैदिक काल (1500 ई.पू.–600 ई.पू.) में समाज जन (tribe) आधारित था।
  • ‘जन’ का अर्थ था – एक जनजाति जो किसी विशेष क्षेत्र में रहती थी।
  • प्रारंभ में छोटे-छोटे ‘जन’ थे, जो कृषि, पशुपालन करते थे।
  • जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ी और कृषि का विकास हुआ, छोटे जन बड़े क्षेत्र में फैल गए और राज्य (महाजनपद) का रूप लेने लगे।

महाजनपदों का उदय (600 ई.पू. – 300 ई.पू.)

  • लगभग 600 ईसा पूर्व भारत में 16 महाजनपद उभरे।
  • इनका वर्णन बौद्ध ग्रंथ ‘अंगुत्तर निकाय’ में मिलता है।

16 महाजनपदों के नाम

महाजनपदवर्तमान राज्य/स्थान
1. अंगभागलपुर, बिहार
2. मगधपटना, गया, नालंदा
3. काशीवाराणसी, उत्तर प्रदेश
4. कोशलअयोध्या, श्रावस्ती
5. वज्जिवैशाली, बिहार
6. मल्लकुशीनगर, उत्तर प्रदेश
7. चेदीबुंदेलखंड
8. वत्सकौशांबी, उत्तर प्रदेश
9. कुरुदिल्ली, हरियाणा
10. पांचालउत्तर प्रदेश (बरेली)
11. अश्मकमहाराष्ट्र/तेलंगाना
12. अवंतीउज्जैन, मध्य प्रदेश
13. शूरसेनमथुरा, उत्तर प्रदेश
14. गांधारपाकिस्तान (कंधार)
15. कम्बोजअफगानिस्तान का पूर्वी भाग
16. किकतगया क्षेत्र (कुछ विद्वान मानते हैं)

गणराज्य और राजतंत्र

गणराज्य: सामूहिक शासन वाली व्यवस्था, जैसे वज्जि संघ, मल्ल गण। राजा के स्थान पर सभा/संघ द्वारा शासन किया जाता था।

राजतंत्र: एक राजा द्वारा संचालित शासन प्रणाली। जैसे मगध, काशी आदि।

मगध महाजनपद का उदय और विस्तार

मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद बनकर उभरा। कारण:

  • भौगोलिक कारण:
    • गंगा और सोन जैसी नदियाँ – जल परिवहन हेतु।
    • उपजाऊ मैदान – कृषि उन्नति।
    • लोहे की खानें – हथियार और उपकरण निर्माण।
  • प्रशासनिक और राजनीतिक कारण:
    • शक्तिशाली शासकों का नेतृत्व
    • संगठित सेना और युद्धनीति

प्रसिद्ध शासक:

शासककार्य
बिंबिसार (लगभग 544 ई.पू.)मगध वंश का संस्थापक; किकट क्षेत्र पर अधिकार, कई विवाह-संधियाँ।
अजातशत्रुबिंबिसार का पुत्र, वज्जि संघ पर आक्रमण और विजय।
महापद्म नंदनंद वंश का संस्थापक; कई जनपदों को जीतकर साम्राज्य विस्तार किया।

नगर और शहरीकरण

  • नगरों का विकास हुआ जैसे राजगृह, पाटलिपुत्र, काशी, वैशाली
  • नगर व्यापार, राजनीति, धर्म और शिल्प-केंद्र बन गए।
  • नगरों की विशेषताएं:
    • व्यवस्थित सड़कें
    • भवन निर्माण
    • बाजार और दस्तकारी केंद्र

आर्थिक जीवन

  • कृषि मुख्य पेशा था, परंतु व्यापार और दस्तकारी भी बढ़ा।
  • पंचमार्क सिक्के प्रचलन में आए।
  • व्यापार स्थल: नगर, राजमार्ग, नदी किनारे बसे गाँव

धार्मिक और सांस्कृतिक परिवर्तन

  • वैदिक धर्म की जटिलता और यज्ञ पर आधारित परंपराओं से जनता असंतुष्ट थी।
  • श्रमण आंदोलन का विकास हुआ –
    • महावीर (जैन धर्म)
    • गौतम बुद्ध (बौद्ध धर्म)
  • दोनों धर्मों ने अहिंसा, सत्य, त्याग और मोक्ष पर बल दिया।

महत्वपूर्ण तिथियाँ और तथ्य:

वर्ष/तिथिघटना
लगभग 600 ई.पू.16 महाजनपदों का उदय
544 ई.पू.बिंबिसार का शासन प्रारंभ
लगभग 491 ई.पू.अजातशत्रु का शासन
लगभग 345 ई.पू.महापद्मनंद का शासन
6वीं शताब्दी ई.पू.जैन व बौद्ध धर्म का उदय

History Class 9 Chapter 2: Question Answers

प्रश्न:1. महाजनपद किसे कहते हैं?

उत्तर: जब प्रारंभिक वैदिक काल के ‘जन’ (जनजातियाँ) धीरे-धीरे स्थायी कृषि जीवन अपनाकर बड़े भूभाग में फैल गए और संगठित राजनीतिक इकाइयों में बदल गए, तब उन्हें महाजनपद कहा गया। ये लगभग 600 ई.पू. से प्रमुख रूप से अस्तित्व में आए।

प्रश्न:1. महाजनपदों का विकास किन कारणों से हुआ?

महाजनपदों का विकास कृषि उत्पादन में वृद्धि, लोहे के उपयोग, जनसंख्या विस्तार, व्यापार की प्रगति और स्थायी बसावट जैसी सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों के कारण हुआ। इन सभी ने छोटे-छोटे जनों को शक्तिशाली राज्यों में बदल दिया।

प्रश्न:1. 16 महाजनपदों के नाम कहां मिलते हैं?

16 महाजनपदों का उल्लेख बौद्ध ग्रंथ ‘अंगुत्तर निकाय’ में मिलता है। यह ग्रंथ इन सभी राज्यों की राजनीतिक-सामाजिक स्थिति का प्रमाण देता है और उनके महत्व को दर्शाता है।

प्रश्न:1. कौन-कौन से महाजनपद बिहार क्षेत्र में स्थित थे?

बिहार क्षेत्र में स्थित प्रमुख महाजनपदों में मगध, अंग, और वज्जि शामिल थे। इनका केंद्र वर्तमान पटना, भागलपुर और वैशाली जैसे क्षेत्रों में था। मगध सबसे शक्तिशाली राज्य बनकर उभरा।

प्रश्न:2. मगध महाजनपद की शक्ति बढ़ने के क्या कारण थे?

मगध की शक्ति बढ़ने के कारणों में उपजाऊ भूमि, लोहे की खानें, शक्तिशाली शासक, संगठित सेना, रणनीतिक राजधानी और विवाह-संधियाँ प्रमुख थीं। इन सबने मगध को अन्य महाजनपदों से अधिक प्रभावशाली बना दिया।

प्रश्न:3. बिंबिसार कौन था और उसकी उपलब्धियां क्या थीं?

बिंबिसार हर्यक वंश का शासक था जिसने मगध की नींव रखी। उसने किकट प्रदेश को अपने अधिकार में लिया और वैवाहिक संधियों से अन्य राज्यों से संबंध बनाए। उसकी राजधानी राजगृह थी।

प्रश्न:4. अजातशत्रु ने किस संघ पर आक्रमण किया और क्यों?

अजातशत्रु ने वज्जि संघ पर आक्रमण किया क्योंकि वह राजनीतिक रूप से शक्तिशाली था और मगध के विस्तार में बाधा बन रहा था। उसने युद्धनीति, कूटनीति और घेराबंदी से वैशाली को जीत लिया।

प्रश्न:5. वज्जि संघ की प्रमुख विशेषताएं क्या थीं?

वज्जि संघ एक गणराज्य था जहाँ शासन सभा के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता था। यह संघ वैशाली में केंद्रित था, जहाँ महात्मा बुद्ध ने गणराज्य व्यवस्था की प्रशंसा की थी। निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाते थे।

प्रश्न:6. महाजनपदों में नगरों का क्या महत्व था?

नगरों में प्रशासन, व्यापार, धर्म और शिल्प-कला का केंद्र होता था। राजधानियाँ जैसे राजगृह, पाटलिपुत्र, और काशी न केवल राजनीतिक बल्कि सांस्कृतिक केंद्र भी बने। नगरों में समृद्ध बाज़ार और सड़कें थीं।

प्रश्न:7. पंचमार्क सिक्के क्या थे और उनका उपयोग कैसे होता था?

पंचमार्क सिक्के धातु के टुकड़े होते थे जिन पर पाँच चिह्न अंकित होते थे। इनका प्रयोग व्यापार में मुद्रा के रूप में होता था और ये उस समय की आर्थिक उन्नति और विनिमय प्रणाली को दर्शाते थे।

प्रश्न:8. श्रमण आंदोलन क्या था?

श्रमण आंदोलन वैदिक परंपराओं के विरुद्ध उठी एक धार्मिक-सामाजिक क्रांति थी जिसमें महावीर और बुद्ध जैसे व्यक्तियों ने अहिंसा, सत्य, त्याग और मोक्ष पर बल दिया। यह आंदोलन आम जनता में काफी लोकप्रिय हुआ।

प्रश्न:9. किस महाजनपद ने सबसे अधिक विस्तार किया और कैसे?

मगध महाजनपद ने सबसे अधिक विस्तार किया। यह बिंबिसार, अजातशत्रु और महापद्मनंद जैसे शासकों की नीति, सैन्य शक्ति, भू-स्थानिक लाभ और राजनीतिक समझदारी की वजह से संभव हुआ।

प्रश्न:10. नगर जीवन में कौन-कौन सी गतिविधियाँ होती थीं?

नगरों में व्यापार, दस्तकारी, कर संग्रह, प्रशासन, धार्मिक आयोजन आदि गतिविधियाँ होती थीं। बाजारों में विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ बिकती थीं और नगर शिक्षा, संस्कृति और राजनीति के केंद्र बने रहते थे।

प्रश्न:11. महाजनपद काल का भारत के इतिहास में क्या महत्व है?

महाजनपद काल भारत के राजनीतिक विकास का एक महत्वपूर्ण चरण था। इस काल में संगठित राज्य, प्रशासन, नगर, अर्थव्यवस्था और धर्म का विकास हुआ, जो आगे चलकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की नींव बना।

प्रश्न:12. गणराज्य और राजतंत्र में क्या अंतर था?

गणराज्य में शक्ति एक व्यक्ति के बजाय सभा या संघ के पास होती थी, जैसे वज्जि संघ। वहीं राजतंत्र में संपूर्ण शक्ति राजा के पास होती थी, जैसे मगध और काशी में। गणराज्य में सामूहिक निर्णय होते थे।

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History Class 9 Chapter 2 में महाजनपदों के उदय से लेकर गणराज्य और राजतंत्र की विशेषताओं तक, छात्रों को भारत के प्राचीन राजनीतिक इतिहास की ठोस समझ मिलती है। मगध जैसे शक्तिशाली राज्य और वैशाली जैसे गणराज्य इस काल की सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं। यदि आपने अभी तक History Chapter 1 Class 9: भौगोलिक खोजें | Bihar Board Notes नहीं पढ़ा है, तो पहले उसे जरूर पढ़ें ताकि इतिहास की पृष्ठभूमि बेहतर ढंग से समझ सकें। साथ ही, यदि आप हड़प्पा सभ्यता से संबंधित जानकारी खोज रहे हैं, तो हमारे विस्तृत नोट्स ईंटें मनके तथा अस्थियाँ | History Class 12 | Hadappa Sabhyata पर भी एक नजर डालें।

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