ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में British Rule and Education प्रणाली में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। प्रारंभ में अंग्रेजों का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों के लिए भारतीयों को प्रशिक्षित करना था, लेकिन बाद में आधुनिक शिक्षा का विस्तार हुआ। भारतीय समाज में शिक्षा के प्रसार ने सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता को भी बढ़ावा दिया। हालांकि, ब्रिटिश शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य भारतीयों को ब्रिटिश शासन के अनुकूल बनाना था।
ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली के प्रमुख चरण
- प्रारंभिक काल (1757-1813)
- इस काल में ईसाई मिशनरियों द्वारा शिक्षा का प्रसार किया गया था।
- शिक्षा का मुख्य उद्देश्य धार्मिक प्रचार था।
- इस काल के दौरान पारंपरिक गुरुकुल और मदरसों की शिक्षा प्रणाली को कमजोर करने की प्रक्रिया शुरू हुई।
- भारत में शिक्षा विशेष वर्ग को दिया जाता था जिसे करना शिक्षा का प्रभाव समाज में बहुत कम था।
- 1813 का चार्टर अधिनियम
- इस अधिनियम में शिक्षा के लिए पहली बार ब्रिटिश सरकार ने 1 लाख रुपये देने की बात कही।
- भारतीय शिक्षा पर ब्रिटिश सरकार का हस्तक्षेप बढ़ा।
- पारंपरिक भारतीय शिक्षा संस्थानों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से प्रतिस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हुई।
- वुड डिस्पैच (1854) | Wood’s Dispatch (1854)
- इसे ‘भारतीय शिक्षा का मैग्ना कार्टा’ कहा जाता है।
- प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा की नींव रखी गई।
- विश्वविद्यालयों की स्थापना (कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास विश्वविद्यालय – 1857)।
- अंग्रेजी को शिक्षा का प्रमुख माध्यम बनाया गया।
- सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी और मिशनरी स्कूलों को भी बढ़ावा दिया गया।
- इस नीति का उद्देश्य भारत में पश्चिमी शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देना था।
- हंटर आयोग (1882) | Hunter Commission (1882)
- प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने पर बल दिया गया।
- माध्यमिक और उच्च शिक्षा में निजी संस्थाओं की भूमिका को मान्यता मिली।
- प्राथमिक शिक्षा को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाए गए।
- बालिकाओं की शिक्षा पर भी ध्यान दिया गया, लेकिन यह सीमित था।
- सैडलर आयोग (1917-1919) | Saddler Commission (1917-1919)
- विश्वविद्यालय शिक्षा की स्थिति सुधारने पर बल दिया गया।
- इंटरमीडिएट स्तर की पढ़ाई को स्कूलों से अलग किया गया।
- व्यावसायिक शिक्षा पर भी जोर दिया गया।
- शिक्षा प्रणाली में अनुसंधान और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई।
राष्ट्रीय आंदोलन को बल मिला, क्योंकि शिक्षित भारतीयों ने ब्रिटिश शासन की नीतियों का विरोध किया।
पारंपरिक भारतीय शिक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा, जिससे गुरुकुल और मदरसा शिक्षा कमजोर हुई।
शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश प्रशासन को सुगम बनाना था, जिससे भारतीयों को केवल क्लर्क और अधीनस्थ पदों के लिए प्रशिक्षित किया गया।
महिलाओं की शिक्षा की दिशा में कुछ सकारात्मक पहल की गई, लेकिन यह काफी सीमित थी।
महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर : British Rule and Education
प्रश्न 1. ब्रिटिश सरकार ने भारत में शिक्षा को क्यों बढ़ावा दिया?
उत्तर: ब्रिटिश सरकार ने प्रशासनिक कार्यों के लिए प्रशिक्षित भारतीयों को तैयार करने तथा अपने शासन को मजबूत करने के लिए शिक्षा को बढ़ावा दिया। आधुनिक शिक्षा प्रणाली के तहत अंग्रेजी भाषा को प्राथमिकता दी गई और पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को हाशिये पर डाल दिया गया।
प्रश्न 2. वुड डिस्पैच (1854) के प्रमुख प्रावधान क्या थे?
उत्तर: Wood’s Dispatch (1854) के तहत प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा को संगठित किया गया तथा विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई। इसे भारतीय शिक्षा का ‘मैग्ना कार्टा’ कहा जाता है। इसके तहत अंग्रेजी भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाया गया और शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर दिया गया।
प्रश्न 3. 1813 के चार्टर अधिनियम में शिक्षा के लिए क्या प्रावधान था?
उत्तर: इस अधिनियम में पहली बार शिक्षा के लिए 1 लाख रुपये का प्रावधान किया गया और ब्रिटिश सरकार ने भारतीय शिक्षा में हस्तक्षेप शुरू किया। इससे मिशनरियों को भारत में अपने स्कूल खोलने और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति मिली।
प्रश्न 4. हंटर आयोग (1882) का क्या उद्देश्य था?
उत्तर: Hunter Commission (1882) ने प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने पर बल दिया और निजी संस्थाओं की भागीदारी को मान्यता दी। इसने बालिका शिक्षा को भी बढ़ावा देने की सिफारिश की, लेकिन महिलाओं की शिक्षा में सीमित प्रगति हुई।
प्रश्न 5. ब्रिटिश शिक्षा नीति के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव क्या थे?
उत्तर:
सकारात्मक प्रभाव:
- आधुनिक शिक्षा प्रणाली की स्थापना।
- अंग्रेजी भाषा का प्रसार।
- सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता का विकास।
- राष्ट्रीय आंदोलन को बल मिला।
नकारात्मक प्रभाव:
- पारंपरिक शिक्षा प्रणाली का ह्रास।
- शिक्षा का औपनिवेशिक उद्देश्य, जिससे केवल अधीनस्थ कर्मचारी तैयार किए गए।
- महिलाओं की शिक्षा में सीमित सुधार।
निष्कर्ष
British Rule and Education नीति का भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा। यह नीति भारतीय समाज में नई सोच और जागरूकता लाने में सहायक रही, लेकिन इसका मूल उद्देश्य ब्रिटिश शासन को मजबूती प्रदान करना था। ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली ने भारतीय समाज को आधुनिक शिक्षा और विज्ञान से जोड़ा, लेकिन यह शिक्षा प्रणाली भारतीयों को स्वतंत्रता के लिए प्रेरित करने का भी कारण बनी।
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