भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना | Social science 8 Chapter 2

भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना | Social science 8 Chapter 2

Social science 8 Chapter 2: परिचय

भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना थी, जिसने भारतीय समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला। 18वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपने पैर जमाने शुरू किए और धीरे-धीरे पूरे देश पर अधिकार कर लिया। इस लेख में हम बिहार बोर्ड कक्षा 8, सामाजिक विज्ञान के अध्याय 2 के अनुसार इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Social science 8 Chapter 2

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का आगमन
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 ई. में हुई थी। कंपनी को व्यापार के उद्देश्य से भारत में प्रवेश की अनुमति मिली थी। लेकिन धीरे-धीरे इसने अपने राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाना शुरू कर दिया। 1757 में प्लासी के युद्ध और 1764 में बक्सर के युद्ध के बाद ब्रिटिशों ने भारत में अपनी स्थिति मजबूत कर ली।

प्लासी का युद्ध (1757)
प्लासी का युद्ध अंग्रेजों और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुआ था। अंग्रेजों ने अपने सैन्य अधिकारी रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब को हराया। इस युद्ध में मीर जाफर, जो नवाब का सेनापति था, ने अंग्रेजों का साथ दिया और सिराजुद्दौला की हार सुनिश्चित की। इस युद्ध के बाद बंगाल पर अंग्रेजों का प्रभाव बढ़ा।

बक्सर का युद्ध (1764)
बक्सर का युद्ध 1764 में अंग्रेजों और बंगाल, अवध तथा मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना के बीच लड़ा गया। इस युद्ध में अंग्रेजों ने विजय प्राप्त की और बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्राप्त कर लिए। इसके बाद ब्रिटिश प्रशासनिक व्यवस्था भारत में स्थापित होने लगी।

कंपनी शासन और प्रशासनिक सुधार
प्लासी और बक्सर की जीत के बाद अंग्रेजों ने धीरे-धीरे पूरे भारत पर शासन करना शुरू किया। उन्होंने नई प्रशासनिक नीतियां लागू कीं, जिनमें:

  1. स्थायी बंदोबस्त प्रणाली (1793) – लार्ड कॉर्नवालिस द्वारा शुरू की गई यह नीति जमींदारों को कर संग्रह का अधिकार देती थी।
  2. न्यायिक सुधार – ब्रिटिशों ने न्यायालयों की स्थापना की और भारतीय दंड संहिता (IPC) लागू की।
  3. राजस्व व्यवस्था – अंग्रेजों ने कर संग्रह की नई प्रणाली बनाई जिससे किसानों पर भारी कर का बोझ बढ़ा।

ब्रिटिश शासन का प्रभाव
अंग्रेजों के शासन का भारत पर कई सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

सकारात्मक प्रभाव:

  • आधुनिक शिक्षा प्रणाली की स्थापना हुई।
  • रेलवे, डाक और टेलीग्राफ जैसी सुविधाएं विकसित हुईं।
  • प्रशासनिक सुधार हुए।

नकारात्मक प्रभाव:

  • भारतीय उद्योग-धंधे नष्ट हो गए।
  • किसानों पर कर का बोझ बढ़ा।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक दमन हुआ।

निष्कर्ष
भारत में अंग्रेजी शासन की स्थापना एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना थी। ब्रिटिश शासन ने भारत में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन लाए, लेकिन यह भी सत्य है कि इस शासन ने भारत को गुलामी की जंजीरों में जकड़ दिया। 1857 की क्रांति ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी, जो आगे चलकर 1947 में भारत की आज़ादी का कारण बना।


Social science 8 Chapter 2: FAQs

प्रश्न: प्लासी का युद्ध कब और किनके बीच लड़ा गया था?
उत्तर:
प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के रॉबर्ट क्लाइव के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में मीर जाफर के विश्वासघात के कारण नवाब की हार हुई, जिससे अंग्रेजों का बंगाल में प्रभाव बढ़ा।

प्रश्न: बक्सर के युद्ध का भारतीय इतिहास में क्या महत्व है?
उत्तर:
बक्सर का युद्ध 1764 में अंग्रेजों और बंगाल, अवध तथा मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना के बीच लड़ा गया। इस युद्ध में अंग्रेजों की विजय ने उन्हें बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार दिलाए, जिससे उनकी प्रशासनिक पकड़ मजबूत हुई।

प्रश्न: ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में व्यापारिक लाभ के लिए कौन-कौन सी नीतियाँ अपनाईं?
उत्तर:
ईस्ट इंडिया कंपनी ने कर मुक्त व्यापार, स्थानीय शासकों के साथ संधियाँ, सैन्य हस्तक्षेप, और प्रशासनिक नियंत्रण जैसी नीतियाँ अपनाईं। इनसे उन्होंने भारतीय बाजार पर एकाधिकार स्थापित किया और स्थानीय उद्योगों को कमजोर किया।

प्रश्न: स्थायी बंदोबस्त प्रणाली क्या थी और इसका भारतीय किसानों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
स्थायी बंदोबस्त प्रणाली 1793 में लार्ड कॉर्नवालिस द्वारा लागू की गई थी, जिसमें जमींदारों को कर संग्रह का अधिकार दिया गया। इससे किसानों पर कर का बोझ बढ़ा, उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हुई, और कृषि उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

प्रश्न: ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में कौन-कौन से बुनियादी ढांचे का विकास हुआ?
उत्तर:
ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में रेलवे, डाक, टेलीग्राफ, और आधुनिक शिक्षा प्रणाली का विकास हुआ। इनसे परिवहन और संचार में सुधार हुआ, लेकिन इनका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश व्यापारिक हितों की सेवा करना था।

प्रश्न: अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ नीति का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
‘फूट डालो और राज करो’ नीति के तहत अंग्रेजों ने भारतीय समाज में धार्मिक, जातीय और क्षेत्रीय विभाजन को बढ़ावा दिया। इससे भारतीय एकता कमजोर हुई, जिससे स्वतंत्रता संग्राम में बाधाएँ आईं और अंग्रेजों का शासन लंबे समय तक कायम रहा।

प्रश्न: 1857 की क्रांति के प्रमुख कारण क्या थे?
उत्तर:
1857 की क्रांति के प्रमुख कारणों में ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियाँ, सामाजिक और धार्मिक हस्तक्षेप, आर्थिक शोषण, और भारतीय सैनिकों के साथ भेदभाव शामिल थे। इनसे जन असंतोष बढ़ा, जो विद्रोह का कारण बना।

प्रश्न: बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों ने कौन-कौन से क्षेत्रों पर अधिकार स्थापित किया?
उत्तर:
बक्सर के युद्ध (1764) में विजय के बाद अंग्रेजों ने बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्राप्त किए। इससे उन्हें इन क्षेत्रों में राजस्व संग्रह का अधिकार मिला, जिससे उनकी आर्थिक और राजनीतिक शक्ति बढ़ी।

प्रश्न: अंग्रेजों द्वारा लागू न्यायिक सुधारों का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
अंग्रेजों ने भारतीय दंड संहिता (IPC) लागू की और न्यायालयों की स्थापना की। इससे एक समान कानूनी प्रणाली बनी, लेकिन यह भारतीय परंपराओं से मेल नहीं खाती थी, जिससे सामाजिक असंतोष बढ़ा।

प्रश्न: ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत में राजनीतिक सत्ता स्थापित करने के प्रमुख कारण क्या थे?
उत्तर:
ईस्ट इंडिया कंपनी ने व्यापारिक लाभ, कर मुक्त व्यापार, और भारतीय राज्यों की आपसी फूट का लाभ उठाकर राजनीतिक सत्ता स्थापित की। इससे उन्होंने भारत में अपने व्यापारिक और प्रशासनिक हितों को सुरक्षित किया।

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