अंग्रजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह) | History Class 8 Chapter 6

परिचय:
1857 का विद्रोह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण घटना थी। इसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भी कहा जाता है। यह विद्रोह ब्रिटिश शासन के खिलाफ असंतोष, अन्याय, और शोषण के कारण हुआ। हालाँकि, इसे दबा दिया गया, लेकिन इसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बीज बो दिए।

विद्रोह के प्रमुख कारण:

1. राजनीतिक कारण:

  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की “हड़प नीति” (Doctrine of Lapse)
  • भारतीय शासकों को अपदस्थ करने की नीति
  • बहादुर शाह जफर को निष्कासित करने की घोषणा

2. आर्थिक कारण:

  • भारी करों और राजस्व व्यवस्था के कारण किसानों का शोषण
  • भारतीय कारीगरों और व्यापारियों को बर्बाद करना
  • अंग्रेजों द्वारा भारतीय उद्योगों को खत्म करना

3. सामाजिक एवं धार्मिक कारण:

  • सती प्रथा, बाल विवाह, और जातिगत प्रथाओं में हस्तक्षेप
  • ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार का भय
  • उच्च जातियों में अंग्रेजों के प्रति असंतोष

4. सैनिक कारण:

  • भारतीय सैनिकों से भेदभावपूर्ण व्यवहार
  • वेतन और पदोन्नति में भेदभाव
  • नई “एनफील्ड राइफल” के कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी का उपयोग

विद्रोह की प्रमुख घटनाएँ:

  • 10 मई 1857: मेरठ में विद्रोह की शुरुआत
  • 11 मई 1857: दिल्ली में विद्रोह, बहादुर शाह जफर को नेता घोषित किया गया
  • कानपुर में विद्रोह: नाना साहेब के नेतृत्व में विद्रोह
  • झाँसी में विद्रोह: रानी लक्ष्मीबाई का अदम्य साहस
  • लखनऊ में विद्रोह: बेगम हजरत महल के नेतृत्व में संघर्ष
  • ग्वालियर में विद्रोह: तात्या टोपे और लक्ष्मीबाई का योगदान

विद्रोह की असफलता के कारण:

  • स्पष्ट नेतृत्व की कमी
  • आधुनिक हथियारों और संसाधनों की कमी
  • भारतीय राजाओं और ज़मींदारों का समर्थन न मिलना
  • अंग्रेजों की बेहतर सैन्य शक्ति और रणनीति

विद्रोह के परिणाम:

  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर दिया गया
  • भारत ब्रिटिश क्राउन (ब्रिटिश सरकार) के नियंत्रण में आ गया
  • भारतीयों के प्रति ब्रिटिश नीति में बदलाव
  • सेना में भारतीयों की भर्ती की नई रणनीति
  • भविष्य में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरणा

निष्कर्ष:

1857 का विद्रोह भले ही सफल नहीं हुआ, लेकिन इसने भारत में स्वतंत्रता आंदोलन की नींव रखी। इसके बाद भारतीयों में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ी और अंततः 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली।

One-Word Questions & Answers:

1857 के विद्रोह की शुरुआत कहाँ हुई थी?
→ मेरठ

1857 के विद्रोह का नेतृत्व दिल्ली में किसने किया?
→ बहादुर शाह जफर

झाँसी में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया?
→ रानी लक्ष्मीबाई

कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया?
→ नाना साहेब

लखनऊ में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया?
→ बेगम हजरत महल

ग्वालियर में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया?
→ तात्या टोपे

1857 के विद्रोह को किसने “भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम” कहा?
→ वी.डी. सावरकर

विद्रोह का प्रमुख सैन्य कारण क्या था?
→ चर्बी वाला कारतूस

1857 के विद्रोह को कुचलने वाला ब्रिटिश गवर्नर जनरल कौन था?
→ लॉर्ड कैनिंग

1857 के विद्रोह के बाद भारत पर शासन करने वाली शक्ति कौन थी?
→ ब्रिटिश क्राउन

1857 की क्रांति के समय ब्रिटेन की महारानी कौन थीं?
→ विक्टोरिया

1857 के विद्रोह के दौरान बिहार में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया?
→ कुंवर सिंह

1857 के विद्रोह का प्रमुख सामाजिक कारण क्या था?
→ धार्मिक हस्तक्षेप

1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश सेना में भारतीयों की भर्ती की नीति क्या थी?
→ “फूट डालो और राज करो”

1857 के विद्रोह को दबाने के लिए ब्रिटिश सेना में किन सैनिकों का अधिक उपयोग हुआ?
→ सिख और गोरखा

1857 के विद्रोह को अंग्रेजों ने क्या कहा?
→ सिपाही विद्रोह

1857 की क्रांति में किस भारतीय शासक ने अंग्रेजों का समर्थन किया?
→ सिंधिया (ग्वालियर)

1857 के विद्रोह के समय भारत में ब्रिटिश कमांडर इन चीफ कौन था?
→ जनरल ह्यूरोज

1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने कौन-सा नया कानून लागू किया?
→ भारतीय सरकार अधिनियम, 1858

1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश शासन की नीति क्या बनी?
→ विभाजन और संतुलन

1857 के विद्रोह महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: 1857 के विद्रोह के प्रमुख राजनीतिक कारण क्या थे?​

उत्तर: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) नीति के तहत कई भारतीय रियासतों का विलय, जैसे सतारा, झाँसी, और अवध, ने स्थानीय शासकों और जनता में असंतोष बढ़ाया, जिससे विद्रोह की भूमि तैयार हुई।​

प्रश्न: विद्रोह के दौरान दिल्ली में किसे सम्राट घोषित किया गया था?​

उत्तर: 10 मई 1857 को मेरठ से विद्रोही सैनिक दिल्ली पहुँचे और अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर को भारत का सम्राट घोषित किया, जो विद्रोह का प्रतीकात्मक नेतृत्व बने।​

प्रश्न: कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?​

उत्तर: कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व नाना साहेब ने किया, जो पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे। उन्होंने ब्रिटिशों के खिलाफ संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।​

प्रश्न: विद्रोह के असफल होने के प्रमुख कारण क्या थे?​

उत्तर: विद्रोह की असफलता के कारणों में एकीकृत नेतृत्व की कमी, विद्रोहियों के बीच समन्वय का अभाव, आधुनिक हथियारों की कमी, और कई भारतीय शासकों का ब्रिटिशों का समर्थन शामिल थे।​

प्रश्न: 1857 के विद्रोह का प्रमुख सामाजिक कारण क्या था?​

उत्तर: ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय सामाजिक और धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप, जैसे सती प्रथा का उन्मूलन और विधवा पुनर्विवाह का प्रोत्साहन, ने समाज के रूढ़िवादी वर्गों में असंतोष बढ़ाया।​

प्रश्न: विद्रोह के बाद ब्रिटिश शासन में क्या परिवर्तन हुए?​

उत्तर: विद्रोह के बाद, 1858 में भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ, जिससे ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त होकर भारत सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया, और वायसराय पद की स्थापना हुई।​

प्रश्न: झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका विद्रोह में कैसी थी?​

उत्तर: रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी में ब्रिटिशों के खिलाफ वीरतापूर्ण संघर्ष किया। उनकी बहादुरी और नेतृत्व ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बना दिया।​

प्रश्न: विद्रोह के दौरान ब्रिटिश सेना में भारतीय सैनिकों की क्या भूमिका थी?​

उत्तर: कई भारतीय सैनिकों ने विद्रोह में भाग लिया, विशेषकर बंगाल सेना के सिपाही। हालांकि, मद्रास और बॉम्बे सेना के अधिकांश सैनिक ब्रिटिशों के प्रति वफादार रहे, जिससे विद्रोह को दबाने में ब्रिटिशों को सहायता मिली।​

प्रश्न: विद्रोह के दौरान बिहार में किसने नेतृत्व किया था?​

उत्तर: बिहार में विद्रोह का नेतृत्व कुंवर सिंह ने किया, जो जगदीशपुर के जमींदार थे। उन्होंने ब्रिटिशों के खिलाफ संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।​

प्रश्न: 1857 के विद्रोह का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?​

उत्तर: हालांकि 1857 का विद्रोह असफल रहा, लेकिन इसने भारतीय समाज में राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया और भविष्य के स्वतंत्रता आंदोलनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।

1857 के विद्रोह महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

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